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सपनों के शहर हम बनाएँगे घर
सपनों के शहर हम बनाएँगे घर
पल भर में ये बना, ये गिरा
सपनों के शहर हम बनाएँगे घर
♪
चाँदी का रंग, हीरे का रूप
घर पे मेरे सोने की धूप
कल तक जो था, होगा ना कल
दिल का मेरा शीश महल
खो गई रौशनी
सपनों के शहर हम बनाएँगे घर
♪
घर को बना, दर को सजा
किसके लिए मैं हूँ खड़ा
तुम बेख़बर, मैं हूँ मगर
तनहा पड़ा पत्थर के घर
तु नहीं, कुछ नहीं
सपनों के शहर हम बनाएँगे घर
♪
क्यों हो जुदा? मुझसे खफ़ा
आ जाओ तुम, ना दो सज़ा
मौसम हँसे, गुलशन हँसे
घर पर मेरे आँगन हँसे
रो रहा दिल मेरा
सपनों के शहर हम बनाएँगे घर
पल भर में ये बना, ये गिरा...