Mile Mile Do Badan - From "Blackmail" - Kishore Kumar

Mile Mile Do Badan - From "Blackmail"

Kishore Kumar

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Lyric

मिले-मिले दो बदन, खिले-खिले दो चमन

ये ज़िंदगी कम ही सही, कोई ग़म नहीं

मिले-मिले दो बदन, खिले-खिले दो चमन

ये ज़िंदगी कम ही सही, कोई ग़म नहीं

कोई ग़म नहीं

देर से आई, आई तो बहार

अंगारों पे सो कर जागा प्यार

तूफ़ानों में फूल खिलाए

तूफ़ानों में फूल खिलाए

कैसा ये मिलन?

मिले-मिले दो बदन, खिले-खिले दो चमन

ये ज़िंदगी कम ही सही, कोई ग़म नहीं

कोई ग़म नहीं

होंठ वही हैं, है वही मुस्कान

अब तक क्यूँ कर दबे रहे अरमान?

बीते दिनों को भूल ही जाएँ

बीते दिनों को भूल ही जाएँ

अब हम-तुम, सजन

मिले-मिले दो बदन, खिले-खिले दो चमन

ये ज़िंदगी कम ही सही, कोई ग़म नहीं

कोई ग़म नहीं, कोई ग़म नहीं

- It's already the end -