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सैयां बिना घर सुना,सुना
सैयां बिना घर सुना
रही बिना जैसे सूनी गलियाँ
बिन खुशबू जैसे सुनि कलिया
सैयां बिना घर सुना,सुना
सैयां बिना घर सुना
सुना दिन काली रतिया
असुवन से भीगी टंकिया
हर आहट पे डरी डरी
राह टके मेरी अँखियाँ
सुना दिन काली रतिया
असुवन से भीगी टंकिया
हर आहट पे डरी डरी
राह टके मेरी अँखियाँ
चाँद बिना जैसे सुनि रतिया
फूल बिना जैसे सूनी बगिया
सैयां बिना घर सुना
सैयां बिना घर सुना,सुना
सैयां बिना घर सुना,सुना
सैयां बिना घर सुना
अँधियारे बादल छाये
कुछ भी न मन को भाए
देख अकेली घेरे मुझे
यादों के काले साए
अँधियारे बादल छाये
कुछ भी न मन को भाए
देख अकेली घेरे मुझे
यादों के काले साए
चाँद बिना जैसे सुनि रतिया
फूल बिना जैसे सूनी बगिया
सैयां बिना घर सुना,सुना
सैयां बिना घर सुना
आँसु यु न बहाओ
ये मोती न लुटाओ
रुकती नहीं हैं वक़्त की धरा
पल पल बदले जगा ये सारा
रुकती नहीं हैं वक़्त की धरा
पल पल बदले जगा ये सारा
जैसे ढलेगी रात अँधेरी
मुस्काएगा सूरज प्यारा
सुख के लिए पड़े दुःख भी सह लो
अब न कभी फिर तुम ये कहना
सैयां बिना घर सुना,सुना
सैयां बिना घर सुना